असफल लोगों के पास बैठा करो, उनके पास अहंकार नहीं अनुभव होता है।
असफल लोगों के पास बैठा करो, उनके पास अहंकार नहीं अनुभव होता है।
असफल लोगों के पास बैठने का तात्पर्य यह है कि उनके पास घमंड और अहंकार नहीं होता। वे अपनी गलतियों और असफलताओं से सीख चुके होते हैं और इसलिए जीवन को एक गहरे, अधिक मानवीय दृष्टिकोण से देखते हैं।
जब हम असफलताओं से सीखने वालों के पास बैठते हैं, तो हमें नम्रता और वास्तविकता का अनुभव होता है। वे अपने अनुभवों से हमें यह सिखाते हैं कि असफलता अंत नहीं, बल्कि सीखने का एक चरण है।
उनके साथ समय बिताने से हम अपने भीतर के अहंकार को नियंत्रित कर सकते हैं, और यह समझ सकते हैं कि सफलता और असफलता दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं। असफल लोगों की संगति हमें सच्ची विनम्रता और सहनशीलता सिखाती है।
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